भारतीय शेयर बाजार में कुछ सुधार के बाद मंगलवार को निफ्टी 50 को 25,800 के स्तर पर समर्थन मिलता दिख रहा है। राज्य चुनावों के अच्छे परिणाम, जो एग्जिट पोल के विपरीत रहे, जो घरेलू बाजार में सकारात्मकता लाने का काम किया।
RBI की मौद्रिक नीति के परिणाम का बाजार पर प्रभाव रहेगा, हालांकि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है। फिर भी, निवेशकों की नजरें संभावित मौद्रिक नीति में बदलाव और तिमाही परिणामों पर होंगी, जिनमें मामूली सुधार की संभावना है।
तकनीकी विश्लेषण और बाजार का रुझान
निफ्टी 50 ने दैनिक चार्ट पर बुलिश हरामी पैटर्न का गठन किया है, जो बाजार में बढ़ती आशावादिता का संकेत देता है। इसके अलावा, निफ्टी ने घंटे के चार्ट पर एक महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज के ऊपर कारोबार किया है, जो अल्पावधि में बाजार की मजबूती को दर्शाता है।
RSI (Relative Strength Index) ने भी छोटे समय सीमा में एक बुलिश क्रॉसओवर बनाया है, जो आगे के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण का समर्थन करता है। निकट भविष्य में निफ्टी 25,350–25,400 के स्तर तक जा सकता है, जबकि नीचे की तरफ 24,850 का समर्थन है। यदि निफ्टी इस स्तर से नीचे गिरता है, तो कमजोरी की संभावना बढ़ सकती है।
मिडकैप और स्मॉलकैप में उछाल
मंगलवार को व्यापक बाजार ने बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया। Nifty Midcap 100 और Nifty Smallcap 100 इंडेक्स ने क्रमशः 2.16% और 2.05% की बढ़त दर्ज की, जबकि Nifty 50 ने लगभग 0.88% की बढ़त के साथ 25,013.15 पर बंद हुआ।
Paytm ने 15% की उछाल के साथ Nifty Midcap 100 में टॉप गेनर के रूप में उभरा। इसके अलावा, BSE, HUDCO, RVNL, और Dixon Tech जैसी कंपनियों ने भी 5-11% की बढ़त दर्ज की। दूसरी ओर, NMDC में लगभग 4% की गिरावट देखी गई, जो इस सूचकांक में सबसे बड़ा लूज़र रहा।
Nifty Smallcap 100 में Triveni Turbine ने 10% से अधिक की उछाल दर्ज की, जबकि GRSE और HFCL ने 9% और 8% की बढ़त दिखाई। इस सूचकांक के 12 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जिसमें Brigade Enterprises 3% से अधिक की गिरावट के साथ सबसे बड़ा लूज़र रहा।
वैश्विक बाजार का हाल
एशियाई बाजारों में ज्यादातर कमजोरी रही, जबकि चीनी बाजार में गोल्डन वीक की छुट्टी के बाद सकारात्मक सुधार देखा गया। चीन में हाल ही में प्रोत्साहन उपायों के बाद बाजार में तेजी आई, लेकिन इसका असर अन्य एशियाई बाजारों पर नहीं पड़ा, क्योंकि हांगकांग ने हाल की बढ़त के बाद गिरावट दर्ज की।
वहीं, अमेरिकी बाजारों में भी कमजोरी रही, जहाँ Dow Jones, S&P 500, और Nasdaq Composite लगभग 1% नीचे बंद हुए। इसका कारण बढ़ती तेल की कीमतों और उच्च ट्रेजरी यील्ड्स था। इसके अलावा, मध्य पूर्व में तनाव के चलते निवेशकों की चिंताएँ बढ़ी हैं, जो तेल की कीमतों को और ऊपर धकेल सकती हैं।
निवेशकों की नजरें RBI और FED पर
बुधवार को RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के निर्णय पर निवेशकों की निगाहें टिकी होंगी। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सितंबर की बैठक के मिनट्स और अक्टूबर 10 को जारी होने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) डेटा से भी आगे की नीतिगत दिशा तय हो सकती है।
घरेलू और विदेशी निवेशकों की भागीदारी
मंगलवार को घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने ₹7,001 करोड़ के शेयर खरीदे, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने ₹8,293 करोड़ के शेयर बेचे।
अब तक, इस वर्ष FIIs ने कुल ₹1.84 लाख करोड़ के शेयर बेचे हैं, जबकि DIIs ने ₹4.65 लाख करोड़ के शेयर खरीदे हैं, जिससे घरेलू निवेशकों का योगदान बाजार में स्थिरता बनाए रखने में अहम साबित हो रहा है।
सेक्टोरल इंडेक्स और टॉप गेनर्स
सभी सेक्टोरल इंडेक्स, मेटल को छोड़कर, हरे निशान में बंद हुए। Trent, Adani Enterprises, Adani Ports, Bharat Electronics, और Mahindra & Mahindra (M&M) निफ्टी के शीर्ष लाभ में रहे, जबकि Tata Steel, SBI Life Insurance, Titan, JSW Steel, और Bajaj Finserv नुकसान में रहे।
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